बच्चों को बाल मजदूरी से बचाएं।
आज 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस है।
बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। वर्तमान में देश के विभिन्न क्षेत्रों में छोटे स्तर पर होटल , घरों , फैक्ट्री में काम कर अलग-अलग व्यवसाय में मजदूरी कर हजारों बाल श्रमिक अपने बचपन को तिलांजलि दे रहे हैं। जिन्हें ना तो किसी कानून की जानकारी होती है और ना ही पेट पालने का कोई और तरीका होता है । बेचारे छोटे-छोटे बच्चे अपने बचपन को भुलाकर अपने पेट की भूख मिटाने के लिए रात दिन मेहनत करके भरण पोषण करते हैं । कई बार तो देखने में आता है कि छोटे-छोटे बच्चे ऐसी जगहों पर काम करते हुए अपने नैतिक मूल्यों से भी भटक जाते हैं और वह कई गलत तरीके अपनाकर अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करने लगते हैं। बहुत सारे बच्चे ऐसे देखने में आते है कि वे व्यसनों के जैसे अफीम, गांजा, ड्रग्स आदि खतरनाक चीजों का सेवन करके लगातार निरंतर काम करते रहते हैं और धीरे-धीरे बहुत ही गर्त में चले जाते हैं जहां से उनको वापस लाना मुश्किल हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि वह खतरनाक बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। कई जगह ऐसा पाया गया है कि जितने भी बच्चे बाल श्रम में लिप्त हैं वह या तो निरक्षर है या पढ़ाई छोड़ दी है । इनमें अधिकांश बच्चे बीमार पाए जाते हैं और ज्यादा से ज्यादा बच्चे नशे में लिप्त पाए जाते हैं । जिन बच्चों को हम हमारे देश की धरोहर कहते हैं । भविष्य के कर्णधार कहते हैं आज वही बच्चे किस ओर जा रहे हैं ये चिंतन का विषय है । इसलिए आज के दिन हमारे आसपास अगर हमें बाल श्रम करते हुए बच्चे देखें तो हम सब का फर्ज है कि हम बाल श्रम कराने वाले को भी रोके और बाल श्रम करने वालों को भी रोके। हम सब से जितना हो सके ऐसे बच्चों की मदद करें और उनको सही मार्गदर्शन दें। क्योंकि सच में बच्चे ईश्वर का रूप कहे जाते हैं आता अगर हम सबके मन में ईश्वर के प्रति सम्मान और प्यार की भावना है तो उनके रूप अर्थात बच्चों के प्रति भी हम सम्मान और प्यार की भावना को जागृत करें नहीं तो यह बाल मजदूरी हम सब के लिए एक अभिशाप बन जाएगी। गरीब माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि आज सरकार शिक्षा, खाना, और दवाइयां स्कूलों में मुफ्त में उपलब्ध करा रही हैं। बस जरूरत है कि है हम लोग ऐसे ग़रीब माता पिता को इन सभी जानकारियों के प्रति जागरूक करें। कई बार तो देखने में आता है कि दुकानदार या व्यापारी या कारखाने वाले लोग छोटे बच्चों से बड़े लोगों जितना काम करवाते हैं और उन्हें दाम भी आधा देते हैं । बच्चे ज्यादा समझदार नहीं होते हैं इसलिए उनसे बहुत मेहनत कराते हैं । अब समय आ गया कि हम सब को जल्दी से जल्दी जागरुक होना होगा कि बच्चों से मजदूरी नहीं करवाएंगे और किसी को अगर करवाते हुए देखेंगे तो उन्हें बाल मजदूरी के लिए सरकार की ओर से जो मजबूत तथा कड़े कानून बने हैं वह उन्हें याद दिलाने होंगे जिससे उनके मन में खौफ पैदा हो जिस से वे आगे से बाल श्रम नही करवाएंगे। हमारे देश में अक्सर बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाई जाती है। कहां जाता है "अभी करनी हमको पढ़ाई मत करवाओ हम से कमाई " जैसे नारे लगाए जाते हैं उसके बावजूद भी बाल मजदूरी हमारे देश क्या बल्कि पूरी दुनिया के लिए समस्या बनती जा रही है। कम से कम हम लोग व्यक्तिगत स्तर पर बाल मजदूरी रोकने में जितना अपना सहयोग दे सकते हैं सहयोग अवश्य दें और बच्चों को बाल मजदूरी से बचाएं।ऐसी शुभ आशा के साथ....... Thanks
Om shanti...
BK Dr. Reena