बड़े गौरव की बात है कि गुलमोहर सेवा केन्द्र अपनी अथक, अनवरत् ईश्वरीय सेवा के लगभग दो दशक पूर्ण करने वाला है। जगनियंता परमपिता परमात्मा शिव की इस मनोहानी ‘‘गुलमोहर बगिया’’ में ईश्वरीय सेवा के सुंदर पुष्पों की सुगंध अनेक वर्षों से निरंतर चहुँ ओर फैल रही है। ‘‘ब्रहमाकुमारीज़’’ के भोपाल झोन के ‘‘राजयोग भवन’’ रूपी विशाल वृक्ष से प्रस्फुटित एक सुदृढ़ शाखा है ‘‘गुलमोहर सेवा केन्द्र’’। आज से लगभग दो दशक पूर्व राजयोग भवन से गुलमोहर एवं आसपास के क्षेत्रों में ‘‘ब्रहमाकुमारीज़’’ की ईश्वरीय सेवायें आरंभ हुई और धीरे-धीरे कुछ ही वर्षों में ‘‘गुलमोहर सेवा केन्द्र’’ अस्तित्व मेंआया। तब से लेकर आज तक ये सेवा केन्द्र, आज एक मनोहारी बगिया बनकर लोक कल्याणर्थ, ईश्वरीय ज्ञान-दान एवं आध्यात्मिक सेवा के सुंदर पुष्पों से शोभित एवं सुरभित हो रहा है। आरंभ से लेकर आज तक सेवा केन्द्र प्रभारी राजयोगिनी बी0के0 डाॅ0 रीना दीदी जी एक कुशल माली की तरह अथक अनवरत् परिश्रम एवं स्नेह से इस बगिया को नित नये सेवा रूपी पुष्पों से सजा रही हैं। उनके कुशल मार्गदर्शन में, उनके सहयोगी समर्पित बहनें एवं भाई तथा ब्राहम्ण परिवार के नियमित सदस्य भाई-बहनें भी पूरी निष्ठा एवं लगन से (ब्रहमाकुमारीज़) इस ईश्वरीय सेवा कार्य में लोक कल्याण हेतु संलग्न हैं। कहते हैं- ‘‘नहीं झरते फूल सिर्फ ख्वाहिशों से, कर्म की शाख को हिलाना होगा। अन्धेरे को कोसने से कुछ नहीं होगा, हर एक को अपने हिस्से का दीप खुद जलाना होगा।। इस तथ्य की सत्यता को सिद्ध करते हुए ‘‘गुलमोहर सेवा केन्द्र’’ मन्सा-वाचा-कर्मणा ईश्वरीय सेवार्थ, लोक-कल्याण हेतु इस आध्यात्मिक सेवा के मार्ग पर सतत् अग्रसर है। पिछले अनेक वर्षों में ‘‘गुलमोहर सेवा केन्द्र’’ द्वारा भिन्न-भिन्न कार्य क्षेत्रों विभागों एवं समाज के कल्याणार्थ सेवा कार्यक्रम किये गये और आज भी किये जा रहे हैं।